Rajputi Poshak: राजपूती पोशाक
राजपूती पोशाक / Rajputi Poshak
मुख्य रूप से राजस्थान की राजपूत, जाट महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली एक पारंपरिक पोशाक है। लेकिन अब इसकी सुंदरता को देखते हुए पूरे भारत में सभी जातियों द्वारा पहनी जाने लगी। यह एक विस्तृत और अलंकृत परिधान है, जो आमतौर पर चमकीले रंग के कपड़ों से बना होता है और कढ़ाई, ज़रदोज़ी, सितारे, जरी, मोतियों के काम और अन्य सजावटी तत्वों से सुसज्जित होता है।
राजपूती पोशाक के मुख्य घटक:
गगरा/ घाघरा:
इसमें घाघरे का घेर इसे सुंदर बनाता है, इसका घेर आमतोर पर दो मीटर से लेके सात मीटर तक होता है। विभिन्न रंगों और प्रिंटों में एक लंबी, चमकीले रंग की कढ़ाई वाली स्कर्ट। जो अलग अलग कलियों से मिलकर बनी होती है इसमें कलियाँ 8 से लेकर 80 तक होती है।
चोली/कुर्ती:
ये दो अलग अलग भाग में बन्नी होती है। पहला भाग कांचलि या चोली होती है जो ब्लाउस के जेसे होती है जिसको सबसे पहले पहना जाता है। चोली में ही बाजू लगी होती है जिसमें आपको कढ़ाई मिल जाती है। दूसरा भाग कुर्ती होता है जिसे चोली के ऊपर पहना जाता है, ऊपरी वस्त्र विभिन्न प्रकार के डिजाइनों और आकारों में आते हैं, जिनमें दर्पण, मोती और अन्य सजावटी तत्व शामिल होते हैं। इसमें आपको गले पर कढ़ाई और सामने कढ़ाई देखने को मिल जाती है।
ओढ़नी/चुनार:
ओढ़नी आमतोर पर 2.5 मीटर लम्बी होती है। घूंघट के रूप में उपयोग किए जाने वाले लंबे ओढ़नी पर भी कढ़ाई और अन्य अलंकरणों से सजाया जाता है।
राजपूती पोशाक का महत्व:
यह राजपूत महिलाओं की शक्ति, गरिमा और गौरव का प्रतीक है।
यह राजस्थान की शाही विरासत, भव्यता और परंपरा का प्रतीक है।
यह एक सुंदर और जीवंत अभिव्यक्ति है जो राजपूत संस्कृति को प्रतिबिंबित करती है।
यह हमें राजपूतों के समृद्ध इतिहास और विरासत की याद दिलाता है।